150+ Hindi poems on Life | 150 जिंदगी पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं

150+ Hindi poems on Life | 150 जिंदगी पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं

छोटी सी तो जिंदगी है हर बात में खुश रहो - Hindi poem 

छोटी सी जिंदगी हैं हर बात में खुश रहो, जो चेहरा पास ना हो उसकी आवाज में खुश रहो।

कोई रूठा हो तुमसे, उसके इस अंदाज में भी खुश रहो, जो लौट के नहीं आने वाले, उन लम्हों की याद में खुश रहो।

कल किसने देखा हैं, अपने आज में खुश रहो।

खुशियों का इंतजार किस लिए, दूसरों की मुस्कान में खुश रहो।

क्यों तड़पते हो हर पल किसी के साथ को , कभी तो अपने आप में खुश रहो।

छोटी सी तो जिंदगी है हर बात में खुश रहो।

तू जिंदगी को जी उसे समझने की कोशिश न कर

तू जिंदगी को जी उसे समझने की कोशिश न कर, सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन उसमे उलझने की कोशिश न कर ।

चलते वक़्त के साथ तू भी चल उसमें सिमटने की कोशिश न कर अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ,ले अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर।

मन में चल रहे युद्ध को विराम दे खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर, कुछ बाते भगवान पर छोड़ दे सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर।

जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सुकून छीन ले उसे पाने की कोशिश ना कर।

रास्ते की सुंदरता का मजा ले मुफ्त, मंजिल पर यूंही पहुंचने की कोशिश न कर।

थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै

थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै..
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब…
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।

फासलें अक्सर रिश्तों में…
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने..
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।

हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ…
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने,
अपनापन ही छोड़ दिया है।

याद तो करता हूँ मैं सभी को…
और परवाह भी करता हूँ सब की,
पर कितनी करता हूँ…
बस, बताना छोड़ दिया है।।”

अपनी आंखों में क़ैद मैने, एक मंजर देखा है - Motivational Poems on life


अपनी आंखों में क़ैद मैने, एक मंजर देखा है,
मै प्यासा रहा, लेकिन समन्दर देखा है,

मुझे ना दिखाना खेल दुनिया का,
मैने हरियाली में भी, पेड़ो को बंजर देखा है।

बड़े अजीब है, तरीके यहां, रिश्ते निभाने के,
एक हाथ में प्यार,और दूजे में, खंजर देखा है,

मुझे ना दुआ देना इन बारिशों में, फिर से जवां हो जाने की,
मैने बारिशों के बाद भी, जमीं को बंजर देखा है।

सफर में धूप तो होगी - Hindi poem on Life

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो

किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो

कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो

यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो

निदा फाजली

Motivational Poems on life

राह में मुश्किलें होंगी हजार तुम कदम बढ़ाओ तो सही, हो जाएगा हर सपना साकार तुम कदम बढ़ाओ तो सही ।

चलो माना मुश्किल है पर इतना भी नहीं कि तू कर ना सके, दूर है लेकिन इतना भी नहीं कि तू पा ना सके।

एक दिन तुम्हारा भी नाम होगा, तुम्हारा भी सत्कार होगा, तुम कदम बढ़ाओ तो सही।

सपनों के सागर में कब तक गोते लगाते रहोगे, तुम उठो तो सही, कुछ करो तो सही, कदम आगे बढ़ाओ तो सही।

कुछ ना मिले तो कुछ सीख जाओगे जिंदगी का अनुभव साथ ले जाओगे!
गिरते पड़ते तुम संभल जाओगे... फिर एक बार तुम जीत जाओगे, तुम कदम बढ़ाओ तो सही।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो - motivational Hindi poems on life

कैसे एक छोटी सी नाव सागर को घूरा करती है, 
मन का अंधियारा रास्ता रोशन कैसे होता है।
कड़ी धूप में प्यासा कोई कैसे राह संजोता है, 

कैसे उठते तूफानों को धरती थामा करती है।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो

घिसट-घिसटकर चलने वाला लक्ष्य में कैसे होता है।
चट्टान भेदने का दम-खम एक बीज में कैसे होता है

कैसे ईश्वर की आभा एक पत्थर में लाई जाती है।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो

कैसे सब कुछ खोने वाला, कैसे सब कुछ पता है।
कैसे बिना हाथ के भी लक्ष्य को भेदा जाता है।

कैसे बिना प्यार के भी कोई पर्वत रोदा करता है।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो

उजड़ी उखड़ी भूमि में कोई सरसों कैसे बोता है।
लिए हजारों मुश्किल कोई रात में कैसे सोता है।
कैसे एक छोटे से नाव सागर को घूरा करती है।
 

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो।
लोहा कैसे पिघल-पिघलकर पानी जैसा बनता है।
घास का तिनका घर बनकर पेड़ों पर कैसे टिखता है और गुमानी आसमां को पंछी कैसे छूते हैं।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो।

दुनिया गहरे अंधियारे को सूरज कैसे पीता है।
जो सबसे ही हार गया वह दुनिया कैसे जीता है।
कैसे बांस की लकड़ी, कोई सुर में गाया करती है।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो 
तुम कैसे छिपी सफलता कदमों में अपने लेकर आते हो।
कैसे बिन संसाधन के ही साधक तुम बन जाते हो।
कैसे राह असंभव को ही संभव तुम कर जाते हो।

अपना सामर्थ्य झोंक दो फिर देखो।

by Sandeep dwivedi

तू खुद की काबिलियत पर भरोसा रख, जो गलती आज किया है उससे सीख और आगे बढ़।
खुद को समझा और अपने लक्ष्य पे ध्यान दें।
यूं ही बैठ कर खुद को मत कोसा कर।

मन की आवाज सुन उठ चल और आगे बढ़, तू खुद के सपने साकार कर ।
एक दिन तेरा ही नाम होगा तेरा खुद का पहचान होगा ।
खुद की काबिलियत पर भरोसा रख जो गलती आज किया है उससे सीख और आगे बढ़।

जिंदगी का सफर — Motivational Poems in Hindi

ढूंढ रहा हूं मंजिल अभी वक़्त आना बाकी हैं। चल रहा हुं धीर-धीरे अभी असली उड़ान बाकी हैं।

ये कैसे सपनें हैं जो नींद के साथ टूट जाती हैं। वो रिश्ते भी गज़ब हैं जो पल के साथ बदल जाते हैं।


जिंदगी के राह में चलते हुए कभी अपने दूर हो जाते हैं। 
वक़्त के साथ चलते हुए अपने अपनों को भूल जाते हैं।

खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा - Motivational Poems on life

मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा, कठिन रास्तों पर चलकर नयी दास्तां लिखूंगा ।
अकेला चलूंगा मगर कारवां लिखूंगा

अकेला चलूंगा मगर कारवां लिखूंगा, पैर जमीन पर होंगे पर सपनों में आसमां लिखूंगा।
 
मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

ना अपने सपनों की तस्वीर बदलूंगा, ना चलने का तेवर बदलूंगा।
घेरे चाहे प्रलय की घनघोर घटाएं, रास्तों से ही मंजिल का पता पूछुंगा ।
 अपनी मंजिल की राह में खुद बनाऊंगा, 

मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

सतह तपे या पैरों में पड़े छाले, सतह तपे या पैरों में पड़े छाले।
अपनी धुन में चलता जाऊंगा।
खुद ही हम सफर और खुद से ही आगे बढ़ता जाऊंगा।

मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

बुरे वक्त का चेहरा करूंगा बेनकाब में, अच्छे वक्त का खुद ही आईना हो जाऊंगा।

भाग्य की रेखाओं को कर्म से बनाऊंगा,
किस्मत का सितारा खुद ही बन जाऊंगा।

मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

अंतर्द्वंद से खुद जीतूंगा, प्रगति या आगति का मापदंड बदलूंगा। खुद से खुद का परिचय करवाके।
इतिहास पढ़ने वालों के लिए नई दास्तां लिखूंगा।

मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

संसाधनों की बुनियाद चाहे जैसी हो, नींव विश्वास की, ईंट हिम्मत की, नक्काशी ख्वाहिशों की रखूंगा। नाम, धर्म, शोभा रखूंगा 
मैं खुद ही खुद की पहचान लिखूंगा।

जिंदगी अभी बाकी है — Motivational Poems on life

गुजर रही है उम्र,
पर जीना अभी बाकी हैं। जिन हालातों ने पटका है जमीन पर, उन्हें उठकर जवाब देना अभी बाकी हैं।

चल रहा हूँ मन्जिल के सफर मैं, मन्जिल को पाना अभी बाकी हैं, कर लेने दो लोगों को चर्चे मेरी हार के, कामयाबी का शोर मचाना अभी बाकी हैं।

वक्त को करने दो अपनी मनमानी, मेरा वक्त आना अभी बाकी है,

कर रहे है सवाल जो मुझसे मुझे नाकाम समझकर, उन सबको जवाब देना अभी बाकी हैं।

निभा रहा हूँ अपना किरदार जिंदगी के मंच पर
परदा गिरते ही तालीयाँ बजना अभी बाकी हैं,

कुछ नहीं गया हाथ से अभी तो, बहुत कुछ पाना बाकी है।

Motivational Poems

माना की है अंधेर बहुत चारों और नाकामी है। 

माना की थककर टूट रहे और सफर अभी दुरगामी है। 
जीवन की आपाधापी में जीने का ठिकाना छूट गया ।
माना थक गए सपनों का नींदों में आना छूट गया ।
माना की हिम्मत टूट गई आंखों में निराशा छाई है ।
माना कि चांद पर ग्रहण है और रात अभी गहराई है ।
पर भगवान श्रीकृष्ण ने साफ कहा है कि बस कर्म तुम्हारा कल होगा और कर्म में अगर सच्चाई है तो कर्म कहां निष्फल होगा। 
हर एक संकट का हल होगा वह आज नहीं तो कल होगा वो आज नहीं तो कल होगा।

Best Poetry on life

किसी का सहारा बनकर के
साथ दे पाओ तो बेहतर है,
उजाले में तो सभी मिलते हैं गले..
अंधेरों में किसी को हाथ दे पाओ तो बेहतर है।

कुछ लोगों को नहीं है जरूरत
किसी कीमती तोहफे की यहां।

इस भागती दौड़ती दुनिया में,
तुम उन्हें अपने कीमती वक़्त की..
ज़रा सी सौगात दे पाओ तो बेहतर है ।

कुछ खामोशियों में छुपी होती हैं कई बातें,
हंसते हुए चेहरों के पीछे कई दर्द पलते हैं।

यूं तो मुमकिन नहीं है हर दिल को समझ पाना यहां,
तुम किसी को समझने की कुछ कोशिश भी कर पाओ तो बेहतर है ।

Motivational Quotes on Life

उठ जाता हूं, में भोर से पहले सपने सुहाने नही आते। 

अब मुझे स्कूल न जाने वाले…बहाने बनाने नही आते।

कभी पा लेते थे..घर से निकलते ही..मंजिल को.. कभी पा लेते थे.. घर से निकलते ही मंजिल को
आज मीलों सफर करके भी, ठिकाने नही  तक नहीं पहुंच पाते।

मुंह चिढाती है.. खाली जेब महीने के आखिर में,
अब बचपन की तरह, गुल्लक में पैसे बचाने नही आते।

यूं तो रखते हैं, बहुत से लोग पलको पर मुझे,
मगर बेमतलब बचपन की तरह गोदी में उठाने कोई नही आते।

माना कि जिम्मेदारियों की बेड़ियों में जकड़ा हूं में
क्यूं बचपन की तरह छुड़वाने वो दोस्त पुराने नही आते।

बहला रहा हूं बस दिल को बच्चों की तरह,
मैं जानता हूं, फिर वापस बीते हुए जमाने नही आते!

Sad Poetry on life 

कहना तो बहुत कुछ चाहता हु तुझसे पर कह कहा पाता हु… 
सच तो है जीना है तेरे बगैर.. पर एक पल भी कहा रह पाता हुं ।
कोशिश हर बार होती है तुझे भुलाने की पर भुला कहा पाता हु तुझे।

देखना चाहता हुं हर रात सपने, पर मैं खुद को सुला कहा पाता हुं ।

कभी तू अगर देख पाती तो समझ जाती की इस बेबसी को में कहा छुपा पाता हुं ।

छलक जाता है दर्द आँखों से कभी छलक जाता है दर्द आँखों से कभी पर मैं खामोश भी कहां रह पाता हुं।

 लिए फिरता हुं एक समंदर ईन आँखों मे, पर रो लू जी भर के ऐसा भी कहा कर पाता हुं।

मुमकिन नहीं था जीना तेरे बगैर, तू सुनले ए बेख़बर… मगर मजबूर हुं मैं मर भी नहीं पाता हुं।

कितना कुछ कहना है तुझसे पर कह नहीं पाता हूं जीना है तेरे बगैर ये सच है पर एक पल भी कहा रह पाता हुं।

Sad Love Poems on life

हाँ ये बात सच है कि मुझे जताना नहीं आता, पर इसका ये मतलब नहीं कि मुझे प्यार निभाना भी नहीं आता ।  

वो बात अलग है कि तुझे पाने से ज़्यादा खोया है मैंने, इसका ये मतलब नहीं है कि मुझे तुम्हें पाना नहीं आता ।

मुस्कुरा देता हूँ अब अक्सर मैं सुनकर प्यार के किस्से,
वरना ऐसा नहीं है कि मुझे अपना दर्द छिपाना नहीं आता ।

हाँ किया था तुझसे कभी इश्क़ मैंने भी, मगर ऐसा है मेरी जान मुझे इश्क़ के लिए अब गिड़गिड़ाना नहीं आता ।

ये बात भी सच है कि मेरी हर ख़ुशी का तुझसे नाता था कभी, पर अपने हिस्से की खुशियों के लिए किसी गैर के आगे हाथ मुझे फैलाना नहीं आता । 

हुआ जो किस्मत में कभी फिर से मिलना हमारा, मुझे तो तुझपर झूठा हक़ भी जताना नहीं आता ।

हाँ ये बात भी सच है कि मुझे इश्क़ जताना नहीं आता,
पर इसका ये मतलब नहीं है कि मुझे प्यार निभाना नहीं आता।

Emotional Sad Poems in Hindi

जो बंद होती है आँखे, सिर्फ तुम ही नज़र आती हो, जब खुल जाती है आँखे, तुम तब भी दिख जाती हो।

जाने क्या जादू किया है मुझपर या मुझको यूं मोहित किया है, और कोई आए ना आए, सिर्फ तुम ही दिन-रात याद आती हो।

शायद तुमको लगता होगा, तारीफे ज्यादा हो जाती है क्या करूं तुमको देखकर, तारीफ निकल ही जाती है ।

जो प्यारी सी सूरत है, उतनी प्यारी सीरत है। ऐसी प्यारी कोई नहीं, जो प्यारी तुम लगती हो।

जानता हूं ना होंगे तुम मेरे, फ़िर भी अपने लगती हो।

जाने क्यों मेरे सफ़र की, हमसफर तुम लगती हो ।

Sad Poems on life

फांसला इतना भी ना था, जितना तुमने बना दिया। 

मै दूर इतना भी ना था, जितना सफ़र करवा दिया। 

कुछ थी गलतफहमी, बेवजह का मुद्दा बना दिया। 

ना कोशिश की सुलझाने की, इतना तुमने उलझा दिया । 

ना रखी गुंजाइश मुड़ने की, ऐसा इल्ज़ाम तुमने मुझपर लगा दिया। 

रिश्तों बनाओ तो विश्वास रखी, एक पल तुमने मुलजिम बना दिया। 

दूर इतना भी ना था, जितना तुमने बना दिया।

ठहरो जरा मुड़ के देख लो कहीं, साथी कोई राह में छूटा तो नहीं। 

बस अपने ही कदम बढ़ते रहें, खुदगर्जी ऐसी भी अच्छी नहीं। 

बन जा खुदा किसी के लिए, बना रहे खुदा पे सबका यकीं ।

ठहरो जरा मुड़ के.. दुआओं का भी होता है असर, दुआओं में रब करता है बसर । 

आजमां ले अगर न हो तुझे यकीं, रहता है ख़ुदा दिल में ही कहीं। 

दिल से निकलती हैं जब दुआयें, होती हैं बेअसर कभी वो नहीं।

संबंधित कविताएं :-

Best 25+ Harivansh Rai bachchan poems in Hindi

25+ Best Motivational Poems in Hindi

25+ Ramdhari Singh dinkar Poems in Hindi

Leave a Comment

close
%d bloggers like this: