राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना, इतिहास, वन्यजीव एवं राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित सभी जानकारी ( Establishment, history, wildlife and all information related to Rajaji National Park )
भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान की सूची ( Important National Park of India )

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना :-
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखंड राज्य के हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के निकट स्थित भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य है। वन्यजीव और वानस्पतिक सम्पदा से भरपूर राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के तीन प्रमुख जिलों देहरादून , पौड़ी और गढ़वाल में 820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है अपने शानदार पारिस्थितिकी तंत्र के कारण यह राष्ट्रीय उद्यान यहां आने वाले पर्यटकों के काफी प्रभावित करता है यह उद्यान पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान हाथियों की आबादी के लिए जाना जाता है इस राष्ट्रीय उद्यान में स्तनधारियों की 23 प्रजातियां एवं पक्षियों की 315 प्रजातियां पाई जाती है।
देवो की भूमि उत्तराखंड में हिमालय के शिवालिक पर्वत श्रृंखला के मैदानी इलाकों में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान एक बहुत ही शानदार और संरक्षित वन क्षेत्र है । इस राष्ट्रीय उद्यान के बीचों – बीच बहती हुई पवित्र गंगा नदी इस राष्ट्रीय उद्यान के लगभग 24 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बहती है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
1983 से पहले इस राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य राजाजी, मोतीचूर और चिल्ला
थे 1983 में इन तीनों अभयारण्यों का आपस में विलय कर इसे राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया।
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारत के दूसरे और अंतिम गवर्नर – जनरल रहे 1954 में इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ भारत रत्न ‘ से सम्मानित किया गया।
15 अप्रैल 2015 को राजाजी राष्ट्रीय उद्यान को भारत के बाघ परियोजना के तहत बाघ रिजर्व के रूप में घोषित किया गया जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के बाद राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य का दूसरा टाइगर रिज़र्व है वर्तमान समय में राजाजी राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभयारण्य है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्यजीव

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के लिए एक प्राकृतिक आवास का केंद्र है इस राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के लुप्तप्राय एवं सुंदर वन्यजीवों की प्रजातियां निवास करती है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में वर्ष 2015-16 में वन्यजीवो की जनगणना की गई थी इस जनगणना के अनुसार इस राष्ट्रीय उद्यान में 34 बाघ और 5 शावक है , बाघों के अलावा यह राष्ट्रीय उद्यान यहां पाई जाने वाली हाथियों के लिए भी आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है ।
वर्तमान समय में इस राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य में हाथियों की संख्या 500 से भी ज्यादा है , बाघ और हाथी के अतिरिक्त यह राष्ट्रीय उद्यान तेंदुओं का एक प्रमुख निवास स्थान है इस उद्यान में तेंदुओं की संख्या 200 से भी ज्यादा है इसके अतिरिक्त इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली वन्यजीवो में जंगली बिल्ली , धारीदार लकड़बग्गा , आलसी भालू , हिमालयन काले भालू , सियार , लोमड़ी , गोरल , बार्किंग हिरण , सांभर , चीतल , जंगली सुअर , रीसस मकाक , बंदर , भारतीय लंगूर और मॉनिटर छिपकली शामिल हैं जबकि यहां पाई जाने वाली सरीसृपों में अजगर और किंग कोबरा जैसे जहरीले और खतरनाक सांप शामिल हैं ।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षी

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में जिसे प्रकार से स्तनपाई वन्यजीवों से भरपूर है उसी तरह यहाँ के घने जंगल पक्षियों के लिए भी उतना अनुकूल वातावरण प्रदान करते है । राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 315 स्थाई एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है |
इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली पक्षियों में प्रमुख रूप से गिद्ध , कठफोड़वा , किंगफिशर , तीतर , मटर फाउल , बारबेट क्रेस्टेड किंगफिशर , एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर , ग्रेट पाइड हॉर्नबिल , ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल , स्पॉटेड फोर्किटेल , ग्रेटर रैकेट – टेल्ड ड्रौंगो , लेस्स रैकेट – टेल्ड ड्रोंगो , पाइड किंगफिशर , क्रिमसन सनबर्ड और फायर – टेल सनबर्ड जैसे पक्षी शामिल हैं।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के लिए एक अनुकल प्राकृतिक आवास के साथ ही यह राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार के पेड़ों एवं लुप्तप्राय वनस्पतियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार के औषधीय पौधे एवं वनस्पतियों की कई प्रजातियां पाई जाती है।
इस राष्ट्रीय उद्यान का वन श्रेणी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वनस्पति के लिए प्रसिद्ध हैं । इस राष्ट्रीय उद्यान के बीच में बहने वाली गंगा नदी के दोनों तरफ पर्णपाती बॉडलेफ , कचनार , लैंटाना , सैंडन , केडिया , बबूल , और चीला जैसे सुंदर फूलो के वृक्ष देखने को मिलते है इसके अलावा यहां पाए जाने वाले वृक्षों में बेर , पीपल , फिकस , अदीना , शोरिया , बेल , और चमार के वृक्ष शामिल हैं ।
वनस्पति के हिसाब राजाजी राष्ट्रीय उद्यान अत्यंत घना है । इन राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले बड़े देवदार के वृक्ष इसे एक अलग ही सौंदर्य प्रदान करते है । इसके अलावा इस राष्ट्रीय उद्यान बड़े घास के मैदान , पर्णपाती वन क्षेत्र शामिल हैं जो यहाँ रहने वाले वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक आवास का केंद्र है । इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली वनस्पतियों में में रोहिणी , अमलतास , शीशम, साल, पलाश, अर्जुन, कचनार, बास, सेमुल, चामरोर, बेर, चिल्ला, बेल आदि शामिल हैं।
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