Battle of Plassey in Hindi । प्लासी युद्ध के कारण और परिणाम

Battle of Plassey in hindi

प्लासी का युद्ध कब तथा कहॉं हुआ ?

प्लासी का प्रथम युद्ध 23 जून 1757 को प्लासी नामक स्थान में हुआ यह स्थान बंगाल के मुर्शिदाबाद शहर के दक्षिण में लगभग 35 किलोमीटर दूर नदिया जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित है यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब ‘ सिराजुद्दौला ‘ के बीच हुआ। 

प्लासी के इस युद्ध में अंग्रेजो की सेना का नेतृत्व  रॉबर्ट क्लाइव ने किया था जबकि दुसरी और बंगाल के नवाब की सेना का नेतृत्व मीर जाफर ने किया था लेकिन सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर एवं बंगाल के धनी सेठों ने सिराजुद्दौला के साथ धोखा किया मीर जाफर ने अंग्रेजों के साथ पहले ही सौदा कर लिया था |

इस युद्ध में मीर जाफर ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के साथ विश्वासघात किया जिसके कारण सिराजुद्दौला यह युद्ध हार गये अंग्रेजों ने सिराजुद्दोला को बंदी बना लिया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया।

प्लासी युद्ध के कारण ( Due to The Battle of Plassey in Hindi ) 

17वीं – 18वीं शताब्दी में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन हुआ ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आने का मकसद व्यापार करना था लेकिन अपनी बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के कारण इस कंपनी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण करना प्रारंभ किया। औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात मुगल साम्राज्य की नींव कमजोर पड़ गई इसी का फायदा उठाकर अलीवर्दी खॉं ने 1740 ईस्वी में बंगाल को मुगल साम्राज्य से मुक्त घोषित कर दिया और स्वयं को बंगाल का नवाब घोषित किया ।

9 अप्रैल 1756 ई. को अलीवर्दी खॉं की मृत्यु हो गई इसके प्रश्चात उसकी पुत्री के पुत्र सिराजुद्दौला ने बंगाल की सत्ता संभाली इसी बीच अंग्रेजो और फ्रांसीसियों ने जगह-जगह किलेबंदी करनी शुरू कर दी थी इस किलेबंदी को देखते हुए बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला अंग्रेज और फ्रांसीसियों को किलेबंदी रोकने का आदेश दिया |

बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के आदेश को मानते हुए फ्रांसीसियों ने तुरंत प्रभाव से अपनी किलेबंदी को रोक दिया लेकिन अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला के आदेश की अवहेलना करते हुए अपने द्वारा की जा रही किलेबंदी को जारी रखा जिसके चलते अंग्रेजों और सिराजुद्दौला के बीच आपसी संबंध बिगड़ते चले गए और यही आपसी फुट प्लासी के युद्ध का कारण बनी 

सिराजुद्दौला ने 1756 में की कासिम बाजार स्थित अंग्रेजो द्वारा नियंत्रित कोठी पर आक्रमण करके उस पर कब्ज़ा कर लिया इसके पश्चात सिराजुद्दौला ने 20 जून , 1756 को कलकत्ता में हुगली नदी के निकट स्थित फोर्ट विलियम किले पर भी अपना अधिपत्य कर , अंग्रेजों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया |

फोर्ट विलियम पर कब्ज़ा करने के दौरान सिराजुद्दौला ने 146 अंग्रेजो को बंदी बना लिया जिनमें से स्त्रियां और बच्चे भी शामिल थे सिराजुद्दौला ने उन सभी 146 अंग्रेजों को एक छोटे अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया इन सभी 146 अंग्रेजों में अगली सुबह सिर्फ 23 लोग ही उस अंधेरे कमरे से जीवित बाहर निकले इस घटना को इतिहास में काली कोठरी की घटना या काल कोठरी की घटना के नाम से जाना गया और आज भी यह घटना काल कोठरी के नाम से प्रसिद्ध है। इस घटना के कारण अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच कड़वाहट और अधिक बढ़ गयी । 

इस काल कोठरी की घटना के बारे में जानकर ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसर काफी क्रोधित हुए और रॉबर्ट क्लाइव तथा एडमिरल वाटसन मद्रास से सेना लेकर बंगाल की तरफ बढ़े । ईस्ट इंडिया कंपनी ने फिर से कलकत्ता पर अपना अधिकार कर लिया और सिराजुद्दौला को संधि करने पर मजबूर कर दिया ईस्ट इंडिया कंपनी और सिराजुद्दौला के बीच अलीनगर में एक संधि हुई जिसे ‘ अली नगर की संधि ‘ के नाम से जाना गया ।

इस संधि के फलस्वरूप अंग्रेजों को बंगाल में किले बंदी करने की अनुमति मिल गयी । इस संधि के बाद अंग्रेज और अधिक आक्रामक हो गये  ईस्ट इंडिया कंपनी ने फ्रांसीसियों के अधिकार क्षेत्र चंद्रनगर पर आक्रमण कर उसे भी अपने कब्जे में ले लिया । अंग्रेजों की ऐसी गतिविधियों को देख कर सिराजुद्दौला ने अंगेजों पर पुनः आक्रमण करने की तैयारी शुरू कर दी। अंग्रेज फूट डालो और शासन करो की नीति पर विश्वास रखते थे इसलिए अंग्रेजों ने नवाब सिराजुद्दौला के सेनापति मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाने का लालच देकर अपनी तरफ कर लिया और बंगाल के नवाब बनने काा लालच पाकर मीर जाफर सिराजुद्दौला से विश्वासघात करने को तैयार हो गया ।

प्लासी युद्ध में सैन्य शक्ति

इस युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ से 950 यूरोपीय सैनिक , 2100 भारतीय सैनिक 9 तोपें और 100 आर्टिलरी गन शामिल थे दूसरी तरफ बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला की तरफ से 50,000 सैनिक शामिल थे जिसमें से सिर्फ 5000 सैनिको ने ही इस युद्ध में भाग लिया था।

प्लासी युद्ध का परिणाम ( Battle of Plassey Result )

इस युद्ध के परिणाम स्वरूप भारत में अंग्रेजों का शासन प्रारंभ हो गया इस युद्ध के पश्चात अंग्रेजों ने अपने किए गये वादे के मुताबिक ‘ मीर जाफर ‘ को बंगाल का नवाब घोषित किया नवाब बनने के तुरंत बाद ही मीर जाफर ने अंग्रेजों को की जमीन सौंपी तथा बंगाल, उड़ीसा और बिहार पर ईस्ट इंडिया कंपनी को मुक्त व्यापार करने की छूट दी।

लेकिन फिर भी मीर जाफर केवल नाममात्र बंगाल का शासक था क्योंकि अंग्रेज जो चाहते थे कि वो मीर जाफर से करवाते थे लेकिन जब मीर जाफर ने अंग्रेजों के आदेश का अवहेलना करना शुरू किया तो अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल के नवाब की गद्दी से हटा दिया और मीर कासिम को बंगाल का नया नवाब नियुक्त किया।

प्लासी का युद्ध इतिहास में एक छोटी सी सैनिक झड़प थी लेकिन इस युद्ध के बाद भारत की चारित्रिक दुर्बलता उभरकर सामने आयी इस युद्ध के बाद बक्सर का युद्ध हुआ जिसके बाद अंग्रेजों ने संपूर्ण बंगाल को अपने अधीन कर लिया और देश की आजादी से पहले तक बंगाल अंग्रेजों के अधीन ही रहा।

इस युद्ध के परिणाम स्वरूप भारत में अंग्रेज शक्ति प्रबल हो गयी और इसी प्रबलता ने भारत के स्वरूप को ही बदल दिया इसके साथ ही इस युद्ध के परिणाम स्वरूप भारत से फ्रांसीसियों की शक्ति पूर्णतया समाप्त हो गयी।

प्लासी के युद्ध के प्रश्चात ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे पूरे भारत को अपने नियंत्रण में कर लिया और करीब 200 सालो तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर राज किया।

कई इतिहासकारों का कहना है कि यदि अंग्रेज प्लासी का युद्ध तथा बक्सर का युद्ध हार जाते तो शायद भारत  अंग्रेजों के अधीन कभी नहीं होता।

प्रसिद्ध बंगाली कवि ‘ नवीनचंद्र सेन ‘ कहते हैं कि प्लासी युद्ध के बाद भारत में अनंत अंधकारमय रात्रि का आरंभ हुआ तथा यह अंधकारमय रात्रि 15 अगस्त , 1947 को भारत के अंग्रेजो से स्वतंत्र होने के पश्चात ही समाप्त हुआ ।

प्लासी युद्ध से संबंधित कुछ पूछे जाने वाले सवाल ( FAQ Related to Battle of Plassey in Hindi )

1. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?

प्लासी का युद्ध 23 जून 1757 को हुआ था यह युद्ध बंगाल के मुर्शिदाबाद शहर के दक्षिण में लगभग 35 किलोमीटर दूर नदिया जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित प्लासी नामक स्थान पर हुआ था।

2. प्लासी का युद्ध किसके बीच लड़ा गया ?

यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब ‘ सिराजुद्दौला ‘ के बीच लड़ा गया।

3. प्लासी युद्ध के समय बंगाल का नवाब कौन था ?

सन् 1757 में प्लासी युद्ध के समय बंगाल का नवाब सिराजुद्दौला थे।

4. प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार का मुख्य कारण क्या था ?

सन् 1757 में प्लासी युद्ध में सिराजुद्दौला की हार के क‌ई कारण थे लेकिन फिर भी प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार का मुख्य कारण मीर जाफर को माना जाता है क्योंकि इस युद्ध में सिराजुद्दौला की सेना का नेतृत्व मीर जाफर ने ही किया था लेकिन अंग्रेजों ने मीर जाफर को सत्ता का लालच दिया और उसे कुछ धन-संपत्ति भेज दी सत्ता पाने की लालच में मीर जाफर ने सिराजुद्दौला को धोखा दे दिया और सिराजुद्दौला के ऊपर से सैन्य हमला कर दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया।

5. प्लासी के युद्ध को भारत का एक निर्णायक युद्ध क्यों कहा जाता है ?

प्लासी के युद्ध को भारत का एक निर्णायक युद्ध कहा जाता है क्योंकि इसी युद्ध के परिणाम स्वरूप अंग्रेजों ने भारत में अपनी सत्ता की नींव डाली और धीरे-धीरे संपूर्ण भारत पर अपना अधिकार कर लिया। 

इन्हें भी देखें :-

पानीपत का प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय युद्ध ( 1st, 2nd and 3rd Battle of Panipath )

इतिहास का प्रसिद्ध युद्ध ‘ हल्दीघाटी का युद्ध ‘ ( Battle of Haldighati )

प्रथम विश्वयुद्ध कब हुआ था, प्रथम विश्व युद्ध के कारण और परिणाम

द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण और परिणाम और परिणाम

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