दुनिया की सबसे लंबी नदी, नील नदी से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण रोचक तथ्य –
• नील नदी अफ्रीका में स्थित है जो अफ्रीका के साथ – साथ दुनिया की सबसे लंबी नदी है यह नदी अफ्रीका के विक्टोरिया झीलसे निकलती है विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है।
• नील नदी की लंबाई लगभग 6,695 किलोमीटर यानि करीब 4,160 मील है तथा इस नदी की अधिकतम चौड़ाई 2.7 किमी है वहीं कहीं – कहीं इस नदी की चौड़ाई 200 मीटर से भी कम है।
• नील नदी अफ्रीका के विक्टोरिया झील के दक्षिण से निकलकर उत्तर पूर्वी अफ्रीका होते हुए भूमध्य सागर में गिर जाती है।
• नील नदी अपने मुहाने पर 160 किमी लंबी तथा 240 किमी चौड़ी विशाल डेल्टा का निर्माण करती है।
• इस नदी में कई प्रकार की मछलियां और जीव पाई जाती है जो कहीं और नहीं पाई जाती है।
• नील नदी की बहुत सारी सहायक नदियां हैं जिनमें से व्हाइट नील और ब्लू नील, नील नदी की दो प्रमुख सहायक नदियां हैं।
• यहां वर्ष भर वर्षा होती रहती है लेकिन फिर भी वर्ष भर यहां तापमान उच्च रहता है यहां वार्षिक वर्षा औसतन 212 सेंमी है।
• उच्च तापमान तथा अधिक वर्षा के कारण इस नदी के इलाके में भूमध्य रेखीय सदाबहार वन पाए जाते हैं इसके साथ ही इस क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय घास के मैदान पाए जाते हैं।
• नील नदी अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया झील से निकलती है और ग्रेट सहारा मरुस्थल के पूर्वी भाग को पार करते हुए उत्तर में भूमध्य सागर में गिर जाती है।
• नील नदी अफ्रीका के लगभग 11 देशों से होकर गुजरती है जिसमें मिस्र, इथोपिया और सूडान देश भी शामिल है।
• नील नदी को मिस्र का वरदान कहा जाता है मिस्र की भाषा में इस नदी को ‘ इतेरू ‘ कहा जाता है जिसका अर्थ होता है महान ।
• मिस्र की सभ्यता के विकास में नील नदी का सबसे बड़ा योगदान है मिस्र की सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
• इतिहास के कई बड़े नगरों का विकास नील नदी के किनारे हुआ है।
• सितंबर के महीने में नील नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है जिसके कारण यहां बाढ़ आ जाता है इस बाढ़ के कारण यहां के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन फिर भी मिस्र के निवासी इस बाढ़ को नील नदी का उपहार मानते हैं क्योंकि नदी के तेज बहाव के साथ आई हुई काली मिट्टी मिस्र की भूमि को और अधिक उपजाऊ बना देते हैं जिससे यहां फसलों की पैदावार बहुत अच्छी होती है।
• नील नदी के कारण मिस्र की मिट्टी बहुत ही उपजाऊ है तथा मिस्र के अधिकांश लोगों की जीविका इसी नदी पर आश्रित है।
• बाढ़ से बचाव के लिए नील नदी पर ‘ अस्वान बांध ‘ का बनाया गया सन् 1960 में इस बांध का निर्माण शुरू किया गया था जो सन् 1970 में बनकर तैयार हुआ।