25+ Motivational kavita in hindi | Motivational Poems in Hindi 2023 | 25 सर्वश्रेष्ठ मोटिवेशनल कविता हिंदी में
मोटिवेशनल कविताएं क्या हैं?
मोटिवेशनल कविताएं वे कविताएं होती हैं जो हमें अपने जीवन में जो भी लक्ष्य है उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करती है, इस प्रकार की कविताएं व्यक्ति में एक नई उम्मीद भर देती हैं।
वो जन्म क्या जिसका कोई लक्ष्य ना हो
वो पथ क्या जो पथरीले ना हो, वो जीवन क्या जिसमें संघर्ष ना हो ।
वह सुर्य क्या जिसमें तपन ना हो, वह चांद क्या जिसमें शीतलता ना हो ।
वह बरसात क्या जिसमें बिजली ना हो, वो जीवन क्या जिसमें प्रकाश ना हो।
वो बाग किया जिसमें हरियाली ना हो, वो डाली क्या जिसमें कांटे ना हो।
वो तथ्य क्या जिसमें तर्क ना हो, वो कार्य क्या जो संभव ना हो।
वह कहानी क्या जिसका अंत ना हो, वह पतन क्या जो आजाद ना हो।
वो कर्म क्या जिसमें लगन ना, वो जन्म क्या जिसका कोई लक्ष्य ना हो ।
सब जाग रहे तू सोता रह
सब जाग रहे तू सोता रह, किस्मत को थामे रोता रह ।
जो दूर है माना मिला नहीं जो पास है वो भी खोता रह । सब जाग रहे तू सोता रह, किस्मत को थामे रोता रह ।
लहरों पर मोती चमक रहे, झोंके भी तुझ तक सिमट रहे ।
ना तूफान कोई आने वाला, सब तह तक गोते लगा रहे, लहरें तेरी कदमों में है, तू नाव पकड़कर बस रोता रह ।
सब जाग रहे तू सोता रह, किस्मत को थामे रोता रह किस्मत को थामे रोता रह।
धूप अभी सिरहाने हैं मौसम जाने पहचाने हैं, रात अभी तो घंटे हैं बस कुछ पल दूर ठिकाने है ।
इतनी दूर तय कर आया, दो पग चलने में रोता रह ।
सब जाग रहे तू सोता रह, किस्मत के भरोसे रोता रह, किस्मत के भरोसे रोता रह ।
माना कि मुश्किल भारी है, पर तुझमें क्या लाचारी है , यह हार नहीं बाहर की है भीतर से हिम्मत हारी है ।
उठ रहे यहां सब गिर-गिर कर! ना उठ तू, यूंही लेटा रह ।
सब जाग रहे तू सोता रह, किस्मत के भरोसे रोता रह, किस्मत के भरोसे रोता रह ।
जो दूर है माना मिला नहीं, जो पास है वो भी खोता रह ।
सब जाग रहे तू सोता रह, सब जाग रहे तू सोता रह ।
Best Motivational poems in Hindi
तू जिंदगी को जी उसे समझने की कोशिश न कर, सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन उसमे उलझने की कोशिश न कर ।
चलते वक़्त के साथ तू भी चल उसमें सिमटने की कोशिश न कर अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ,ले अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर।
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर, कुछ बाते भगवान पर छोड़ दे सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर।
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सुकून छीन ले उसे पाने की कोशिश ना कर, रास्ते की सुंदरता का मजा ले मुफ्त, मंजिल पर यूंही पहुंचने की कोशिश न कर।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना उसे ना अखरता है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती|
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है, जा जाकर खाली हाथ लौट कर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में, बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो, क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
जब तक न सफल हो जाओ, नींद चैन को त्यागो तुम, यूं संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की, कभी हार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
आत्मविश्वास
ये आसमां छीन गया तो क्या ? नया ढूंढ लेगे, हम वो परिंदे नहीं जो उड़ना छोड़ देंगे ।
मत पूछ, हौंसलें हमारे, आज कितने विश्रब्ध हैं, एक नई शुरूआत, नया आरंभ तय है। माना अभी हम निःशब्द है !
ये पारावर छूट गया तो क्या ? नया सागर ढूंढ लेंगे, हम वो कश्तियां नहीं जो तैरना छोड़ देंगे !!
कदम चलते रहेंगे, जब तक श्वास है, परिस्थिति से परे स्वयं पर हमें विश्वास है ।
एक रास्ता मिला नहीं तो क्या नई राहें ढूंढ लेंगे, हम वो मुसाफिर नहीं जो चलना छोड़ देंगे !!
ख्वाबों को महकता रखते हैं, हम मंजिलों से राब्ता रखते हैं, नशा हमें हमारी फितरत का, हर हार करती है बुलंद… इरादा जीत का !
ये मुकाम नहीं हासिल तो क्या ? नये ठिकाने ढूंढ लेंगे, हम वो शय नहीं जो अपनी तलाश छोड़ देंगे !!
हम वो परिंदें नहीं जो उड़ना छोड़ देंगे !!
Motivational kavita in Hindi for Students
कोशिश कर हल निकलेगा, आज नही तो, कल निकलेगा।
अर्जुन सा लक्ष्य रख, निशाना लगा, मरुस्थल से भी फिर, जल निकलेगा।
मेहनत कर, पौधों को पानी दे, बंजर में भी फिर, फल निकलेगा।
ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे, फौलाद का भी, बल निकलेगा।
सीने में उम्मीदों को जिंदा रख, समन्दर से भी फिर गंगाजल निकलेगा।
कोशिशें जारी रख, कुछ कर गुज़रने की, जो कुछ थमा-थमा है, चल निकलेगा।
कोशिश कर हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलगा, आज नहीं तो कल निकलेगा।
आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ही
आज तू बिखरा है, एक रोज तू निखरेगा ही। ढला है जो आज सूरज कल सुबह फिर निलकेगा ही।
माना तेरी मंजिले इन लोहो की जंजीरों में है, पर तू तपेगा जब तेरी तपन से, वो लोहा भी पिघलेगा ही ।
मंजिलो के रास्तों में काँटे तो सभी के है
मंजिलो के रास्तों में काँटे तो सभी के है पर तेरे अंदर जुनून है तो, तू काँटो पे भी चलेगा ही।
माना आज तू बिखरा है, ढला है जो आज सूरज कल सुबह फिर निकलेगा ही ।
हवाएं विपरीत ही न क्यों चले, तू कदम कदम बढ़ेगा ही ।
तुझे कल के लिए है तैयार होना है तो आज तो तू गिरेगा ही ।
तेरी कोशिश देख हवाओ का रुख एक रोज तो बदलेगा ही, तेरी कोशिश देख हवाओ का रुख एक रोज तो बदलेगा ही ।
माना आज तू बिखरा है एक रोज तू निखरेगा ही, ढला है जो आज सूरज, कल सुबह फिर निकलेगा ही।
Best Motivational kavita in Hindi for Success
नींद चैन का त्याग कर, आंख खोलनी पड़ती है, मेहनत करना आसान नहीं, पूरी जान झोंकनी पड़ती है।
दिन- रात को एक बनाकर, मेहनत से सफलता मिलती है, माली के खून पसीने से ही बाग में कलि खिलती है।
जिस मेहनत को करने से तू आज थर-थर कांपता है, इसी मेहनत और तपस्या में सफलता का रास्ता है।
इस दृढ़ता, इस पागलपन को आदत तुझे बनाना होगा, छू सकता है तू हर मंजिल, खुद को याद तुझे ही दिलाना होगा।
हार जीत की सोच रखे बिन, मेहनत तुझे अब करनी है, लोगो की क्यों बात सुने, जब जंग तुझे खुद लड़नी है।
कोशिश तेरी काया, और मेहनत तेरी परछाई है, लोगों की इन बातों से नहीं, खुद से तेरी लड़ाई है।
कठिन राह है कांटों वाली, किंतु मंजिल में फूल मिलेंगे, परिश्रम तेरा कठिन है किन्तु, परिणाम तेरे अनुकूल मिलेंगे।
परिश्रम की गर्मी में, खुद को तुझे तपाना होगा, छू सकता है तू हर मंजिल ; खुद को याद दिलाना होगा।
दुनिया गीत गाएगी तेरे अबकी बारी देखना, चूक रहे न कोशिश में कुछ, एक ऐसी पारी तुझे खेलना होगा।
ये कठिन परिश्रम तेरा, ये मेहनत रंग लाएगी, रात अमावस की है काली, पर फिर दीवाली आएगी।
अभी जमीन का कण भर है, आगे पूरा आकाश है, बस चलते जाना है तुझको, मँजिल तेरे पास है ।
इस कीमती जीवन को व्यर्थ नही गवाना होगा, छू सकता है तू हर मंजिल खुद को याद दिलाना होगा।।
संघर्ष तेरा है, तुझे ही लड़ना होगा
जीवनपथ पर काँटे भी होंगें घनघोर अँधेरा भी होगा, मैं राह तूझे दिखलाउंगी दीपक भी एक थमाउँगी, पर इससे अधिक मेरे बस में कुछ और नहीं बस अब होगा।
संघर्ष तेरा है, तुझे ही लड़ना होगा ।
कई तूफ़ान आएंगें कदम भी लडखड़ायेंगे, डट कर खड़े रहना, रखना याद कि लंबी रात का सवेरा भी होगा।
संघर्ष तेरा है, तूझे ही लड़ना होगा ।
भर उँची उड़ान तू फैला अपने इन पंखों को
भर ऊंची उड़ान तू फैला अपने इन पंखों को घोंसले से निकल बाहर, अपने लिए दाना तूझे खुद ही ढूंढना होगा।
संघर्ष तेरा है, तुझे ही लड़ना होगा।
गिरने के डर से रूक मत जाना, अपने सपनों को सरहद मत लगाना, जीत तो होगी पर पहले हार के लिए आत्मबल को मज़बूत करना होगा ।
संघर्ष तेरा है, तुझे ही लड़ना होगा।
हर युद्ध का परिणाम जीत हो ये मुमकिन तो नहीं, जीत ना सही इस बार हार ही सही।
हर एक हार भी जीत की और अग्रसर तेरा हर एक कदम होगा।
संघर्ष तेरा है, तुझे ही लड़ना होगा ।
तेरी हर कोशिश ही, जीत की शुरुआत है, हार हो या जीत क्या फर्क पड़ता है, योद्धाओं की फेहरीस्त मे तेरा नाम तो होगा।
संघर्ष तेरा है तुझे ही लड़ना होगा।
ख़ुद पर हो विश्वास अगर
बस तू ही है इस दुनिया में तुझ सा है कोई और कहाँ, अग़र हो न भरोसा बात में, तो तू भी यहाँ और मैं भी यहाँ ।
तेरे हुंकार में वो दम है, सारी दुनिया भी थम जाए, ख़ुद पर हो विश्वास अगर, एक पल क्या, वक़्त बदल जाए।
जीवन में सजे हैं कुछ सपनें, तुझको हर हाल में पूरे करने है, जीवन में सजे हैं कुछ सपनें, तुझको हर हाल में पूरे करने है।
सागर के नीचे हैं मोती, वो रखने हैं तो रखने है।
घेरा हो हज़ारों मुश्किल का, मेहनत के आगे झुकने है! सूरज पर छाये बादल भी, एक न एक दिन तो छटनें हैं।
क्या हुआ नही या हो न सका, ऐसा कुछ ढूंढ के तो लाए।
ख़ुद पर हो विश्वास अगर, एक पल क्या… वक़्त बदल जाए।
सब कुछ तो करना आसां है, रोके क्यों कोई आज भला।
झोंके में छिपा है एक तूफ़ान वैसे ही तुझमे जोश भरा। हो वक़्त का पहरा मुझपर क्यों, हम वक़्त से आगे रहते हैं।
धरती पर यूँ तो चलते हैं, पर आसामान में रहते हैं।
कहते हैं सबकुछ क़िस्मत है, तू खुद ही खुद का फ़रिश्ता बन जा।
ख़ुद पर हो विश्वास अगर… एक पल क्या..वक़्त बदल जाए, एक पल क्या वक़्त बदल जाए।
Best UPSC Motivational Poems in Hindi 2023
कुछ करना है, तो डटकर चल। थोड़ा दुनियां से हटकर चल। लिखे हुए इतिहास के रास्ते पर तो सभी चल लेते है। कभी इतिहास को पलटकर चल।
बिना काम के मकाम कैसा? बिना मेहनत के, दाम कैसा? जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल, तो राह में आराम कैसा?
मन में ना कोई बहाना रख ! अर्जुन सा, निशाना रख। लक्षय सामने है, बस उसी पे अपना ठिकाना रख॥
सोच मत, साकार कर अपने कर्मों से प्यार कर। मिलेगा तेरी मेहनत का फल, किसी और का ना इंतजार कर।
जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले है, जो करते रहे इंतज़ार उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है।।
ये राह के मुशाफिर तू चलता चल, रुक क्यू जाता है मंजिल की तलाश में,
तू एक बार ही सही सोच लिया कर
क्या है तेरी मंजिल ये पता कर
ये राह के मुशाफिर तू चलता चल ।
सब रोकेंगे तुझे, टोकेंगे तुझे, तू ये ना कर तू वो ना कर बोलेंगे तुझे ! पर तु ना ठहरना एक पल के लिये भी, अपनी मंजिल की राह में बस चलता, बस चलता चल।
पैर अगर थक जाये, मन अगर बैठ जाये
सर पर तेज धुप हो या राह में काटे खूब हो !
दिन हो, रात हो, ठण्ड हो या हो बरसात
दरिया हो समुंद्र हो या हो सामने पहाड़
देख इन्हें घबराया ना कर
ये राह के मुशाफिर तू रुक ना जाना, बस तू चलता चल।
मुस्किले आयेंगी, अपनों की याद सतायेगी, जब भी तू मंजिल के करीब होगा ये बहुत बड़ जायेंगी
पर तु उन्हे छोड़ कर मुँह मोड़ कर चलते रहना अपनी राह पे, पा जायेगा एक दिन अपनी मंजिल को
बस रुक ना जानातू अपनों की याद में, ये राह के मुशाफिर तू चलता चल, तू चलता चल।
कविता – गिर जाना मेरा अंत नहीं
मन में परमार की शक्ति है, मन में आगाज की शक्ति है, जो चोंच में तिनका डाले डाली पर दो आंख तकती है।
वो परख रही है तूफान के बाजू में कितनी ताकत है, वो परख रही है तूफान के बाजू में कितनी ताकत है।
वह देख रही है दूर-दूर तक नाम मात्र की राहत है, पैरों से धक्का डाली पर, पंखों से हवा ढकेली है। वो आसमानों में तूफानों से लड़ती जान अकेली है।
पर लगी सांस जब फूलने तो तूफानों ने मौका लपक लिया। आसमां की उम्मीदों को ला धरती पर पटक दिया
पर झाड़ रही है वो धूल अपने पैरों से, रगों में गजब रवानी है!! पर झाड़ रही है धूल पैरों से, रगों में गजब रवानी है।
चोट खाने के बावजूद भी उड़ने की ललक पुरानी है।तब रखो घोषणा अपनी-अपनी आपने अपने कंठो में।
गलत करूंगा साबित सबको, यहां कोई अरिहंत नहीं !! गिर जाना मेरा अंत नहीं, गिर जाना मेरा अंत नहीं ।।
मुखड़े पर धूल लगी माना माथा फूटा लेकिन गालों पर थप्पड़ खाए हैं, जबड़ा टूटा माना लेकिन, जबड़ा टूटा माना लेकिन माना आंतें ऐंठ गई, पसलियों से लहू निकलता है।
घिस गया है कंकड़ में घुटना और मिर्च सरीखे जलता है।
माना की सांसें उखड़ रही और धक्का लगता धड़कन से लो मान लिया कांप गया है पूरा बदन अंतर्मन से । पर आंखों से अंगारे, मैं नथूनो से तूफान लाऊंगा।।
पर आंखों से अंगारे मैं नथूनो से तूफान लाऊंगा, मैं गि- गिर कर भी धरती पर हर बार खड़ा हो जाऊंगा मुट्ठी में भींच लिया तारा तुम नगर में ढोल पीटा दो जी ।
मुट्ठी में भींच लिया तारा तुम नगर में ढोल पीटा दो जी कि अंधेरे हो लाख घने पर अंधेरे अनंत नहीं, गिर जाना है मेरा अंत नहीं! गिर जाना मेरा अंत नहीं।।
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