National Park of Uttarakhand in Hindi । उत्तराखंड के सभी राष्ट्रीय उद्यान
राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के संरक्षण के उद्देश्य सरकार द्वारा स्थापित एक प्रमुख वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र है जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के वन्यजीवो का संरक्षण करना है हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के सौंदर्य को बनाए रखने में इन राष्ट्रीय उद्यानों का काफी महत्व है इन्हीं राष्ट्रीय उद्यानों के कारण ही आज भी बहुत से वन्यजीव, वनस्पति और पक्षी आज भी विलुप्त नहीं हुए यही कारण है कि राष्ट्रीय उद्यान हमारे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं |
आज हम इस अर्टिकल में आपको भारत के उत्तराखंड राज्य के सभी राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान कर रहे हैं यदि आप भी एक वन्य जीव प्रेमी हैं अथवा उत्तराखंड राज्य राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारी इस आर्टिकल को विस्तारपूर्वक अवश्य पढ़ें।
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान ( Jim Corbett National Park )
स्थापना | 1936 |
क्षैत्रफल | 520.82 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | नैनीताल, पोड़ी गढ़वाल ( उत्तराखंड ) |
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जिले के रामनगर के निकट स्थित भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है। इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1936 में लुप्तप्राय ‘ बंगाल टाइगर ‘ की रक्षा एवं बचाव के उद्देश्य से किया गया था। उस समय इस राष्ट्रीय उद्यान को ‘ हैली राष्ट्रीय उद्यान ( Hailey National Park ) ‘ के रूप में स्थापित किया गया था तथा वर्ष 1956 में इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया तब से इस राष्ट्रीय उद्यान को जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है।
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्यजीव
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान शुरू से ही पशुवर्ग के निवास के लिए अनुकूल स्थान हैं । इस राष्ट्रीय उद्यान में स्तनधारियों की 50 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से इस राष्ट्रीय उद्यान में विशेष रूप से एशियाई हाथी और घड़ियाल पाए जाते है इसके साथ ही यह उद्यान कई लुप्तप्राय जानवरों के साथ – साथ गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के वन्यजीवों का निवास स्थान है ।
इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्यजीवो में शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरन, चीतल, साँभर, पांडा, काकड़, नीलगाय, चीता आदि की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है ।
इसके साथ ही इस राष्ट्रीय उद्यान के वन क्षेत्र में सरीसृपों की 25 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें अजगर, किंग कोबरा सहित कई प्रकार के जहरीले साँपो की प्रजातियां पाई जाती हैं इसके अतिरिक्त इस उद्यान में सरीसृप वर्ग के लुप्तप्राय ‘ मुगर मगरमच्छ ‘ भी पाए जाते हैं।
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षी
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान माना जाता है क्योंकि इस राष्ट्रीय उद्यान में 580 रंग – बिरंगे पक्षियों की प्रजातियाँ देखने को मिलते हैं जिनमे ग्रेट चितकबटा, हॉर्नबिल, सफेद पीठ वाला गिद्ध , मोट , हॉजसन बुटाचैट नाटगी स्तन वाले हटे कबूतर, गोल्डन ईगल, उल्लू आदि शामिल हैं ।
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वनस्पति
जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान लुप्तप्राय वन्यजीवो की प्रजाति के साथ-साथ लुप्तप्राय औषधीय वनस्पतियों की प्रजातियों के कारण भी प्रसिद्ध है यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवो के साथ – साथ वनस्पतियों की विशाल जैव विविधता का एक प्रमुख केंद्र है।
भारत के वनस्पति सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के इस संपूर्ण क्षेत्र में वनस्पतियों की लगभग 800 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से 488 पौधों की प्रजातियां पाई जाती है ।
गोविंद राष्ट्रीय उद्यान ( Govind National Park )
स्थापना | 1980 |
क्षेत्रफल | 472 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | उत्तरकाशी ( उत्तराखंड ) |
गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान अथवा गोविंद वन्य जीव अभ्यारण्य उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण है मुख्य रूप से गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रुप मे किया गया था लेकिन बाद में वर्ष 1980 में इसे एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया ।
यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल हिमालय के ऊंचाई पर स्थित है वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा हिम तेंदुए की परियोजना का प्रबंधन इसी राष्ट्रीय उद्यान में किया जा रहा है भारत सरकार ने इस राष्ट्रीय उद्यान में हिंदी अनुवाद परियोजना का उद्घाटन किया इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य लुप्तप्राय हिम तेंदुए की सुरक्षा के लिए विशेष संरक्षण उपाय करना है।
गोविंद राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्यजीव
इस राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रकार के लोग प्रयोग वन्यजीवों की प्रजातियां पाई जाती है इस राष्ट्रीय उद्यान में कई लुप्तप्राय स्तनधारी वर्ग के वन्यजीवों की प्रजातियां निवास करती है ।
इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले स्तनधारी वर्ग के वन्यजीवों में मुख्य रूप से भूरा भालू, तेंदुआ, कस्तूरी मृग, एशियाई काले भालू, हिमालय तहर, भारल, भारतीय कलगीदार साही, यूरोपियों ऊदबिलाव, गौरल, हिमालयी चूहा, उड़ने वाली गिलहरी, जंगली सूअर शामिल हैं इसके साथ ही इस राष्ट्रीय उद्यान में और भी अनेक प्रकार के स्तनधारी वन्यजीवों की प्रजातियां निवास करती है।
गोविंद राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षी :- इस राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों की लगभग 150 से अधिक प्रजातियां निवास करती है गोविंद राष्ट्रीय उद्यान कई लुप्तप्राय एवं प्रवासी पक्षियों के लिए भी एक प्राकृतिक आवास स्थल है इस राष्ट्रीय उद्यान में कई लोकप्रिय एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां भी निवास करती है इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षियों में मुख्य रूप से गोल्डन ईगल, स्टेपी ईगल, ब्लैक ईगल, हिमालयी स्नोकॉक, हिमालयी तीतर, पश्चिमी ट्रैगोपैन, कबूतर, जंगली उल्लू, बुलबुल, पैराकेट्स, कोयल और फिंच शामिल हैं।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान ( Valley of Flower National Park )
स्थापना | 1982 |
क्षेत्रफल | 87.5 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | चमोली जनपद, उत्तराखंड |
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है जो फूलों की घाटी के लिए प्रसिद्ध है यह राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के चमोली जनपद में स्थित है प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान फूलों एवं वनस्पतियों की समृद्ध विविधता के लिए जाना जाता है ।
उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित इस फूलों की घाटी को वर्ष 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया यह राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1988 में संयुक्त रूप से यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया जिसके बाद फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया जिस का प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है यह राष्ट्रीय उद्यान जसकरण महान हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच लगभग 87.5 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले वन्यजीव
फूलो के साथ-साथ यह राष्ट्रीय उद्यान अनेक प्रकार के लुप्तप्राय और दुर्लभ वन्यजीवों का भी घर है इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले वन्यजीवों में मुख्य रूप से हिम तेंदुआ, एशियाई काले भालू, भूरा भालू, नीली भेड़, लाल लोमड़ी और कस्तूरी मृग शामिल हैं वन्यजीवों के साथ-साथ यह राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रकार के पक्षियों का भी निवास स्थल हैं ।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले फूल :- इस राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले फूलों के पौधों में सामान्यतः एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, तारक, हिमालयी नीला पोस्त, लिलियम, बछनाग, रानुनकुलस, कोरिडालिस, डेलफिनियम, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस,औइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान मुख्य रूप से शामिल हैं।
नंद देवी राष्ट्रीय उद्यान ( Nanda Devi National Park )
स्थापना | 1982 |
क्षेत्रफल | 624 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | चमोली जिला, उत्तराखंड |
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और बायोस्फीयर रिजर्व भारत के उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य है जो उत्तराखंड राज्य के चमोली गढ़वाल जिले के नंदा देवी चोटी के निकट स्थित है कहा जाता है कि यह राष्ट्रीय उद्यान समुद्र तल से लगभग 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है ।
इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1982 में किया गया था और वर्ष 1988 में इस राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया जिसके बाद वर्ष 2005 में इस राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र का विस्तार किया गया और राष्ट्रीय उद्यान का नाम नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया।
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले वन्यजीव और पक्षी
इस राष्ट्रीय उद्यान में अनेक प्रकार के वन्यजीव और पक्षियों की प्रजातियां निवास करती है आमतौर पर इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले स्तनधारी वन्यजीवों में हिमालयी कस्तूरी मृग , हिमालयन तहर हैं गोरल, हिम तेंदुआ , हिमालयी काला भालू , भूरा भालू और लंगूर शामिल हैं स्तनधारी बनर्जी को किस आसन इस राष्ट्रीय उद्यान कराएं एवं प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां भी निवास करती है 1993 में इस राष्ट्रीय उद्यान में की गई वैज्ञानिक अभियान और जनगणना में इस राष्ट्रीय उद्यान में कुल 114 पक्षियों की प्रजातियों की पहचान की गई थी।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान ( Rajaji National Park )
स्थापना | 1983 |
क्षेत्रफल | 820.42 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी |
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखंड राज्य के हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला के निकट स्थित भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य है जिसकी स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी वन्यजीव और वानस्पतिक सम्पदा से भरपूर राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के तीन प्रमुख जिलों देहरादून , पौड़ी और गढ़वाल क्षेत्र में लगभग 820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
देवो की भूमि उत्तराखंड राज्य में हिमालय के शिवालिक पर्वत श्रृंखला के मैदानी इलाकों में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान एक और संरक्षित वन क्षेत्र है इस राष्ट्रीय उद्यान के बीचों – बीच बहती हुई पवित्र गंगा नदी इस राष्ट्रीय उद्यान के लगभग 24 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बहती है जो इस राष्ट्रीय उद्यान के सौंदर्य को और भी ज्यादा बढ़ा देता है यह राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव प्रेमियों के लिए बहुत ही सुंदर और आकर्षक राष्ट्रीय उद्यान है।
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले स्तनधारी वन्यजीव और पक्षी
राजाजी राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार की लुप्तप्राय स्तनधारी वन्यजीवों एवं पक्षियों के लिए एक प्राकृतिक आवास स्थल है 820 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला यह राष्ट्रीय उद्यान हाथियों की आबादी के लिए जाना जाता है यहां 500 से अधिक हाथियां निवास करती है ।
इस राष्ट्रीय उद्यान में स्तनधारियों की 23 प्रजातियां एवं पक्षियों की 315 प्रजातियां पाई जाती है। इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले स्तनधारी वन्यजीवो में मुख्य रूप से जंगली बिल्ली , धारीदार लकड़बग्गा , आलसी भालू , हिमालयन काले भालू , सियार , लोमड़ी , गोरल , बार्किंग हिरण , सांभर , चीतल , जंगली सुअर , रीसस मकाक , बंदर , भारतीय लंगूर शामिल हैं ।
जबकि इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले पक्षियों में प्रमुख रूप से गिद्ध , कठफोड़वा , किंगफिशर , तीतर , मटर फाउल , बारबेट क्रेस्टेड किंगफिशर , एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर , ग्रेट पाइड हॉर्नबिल , ओरिएंटल पाइड हॉर्नबिल , स्पॉटेड फोर्किटेल , ग्रेटर रैकेट – टेल्ड ड्रौंगो , लेस्स रैकेट – टेल्ड ड्रोंगो , पाइड किंगफिशर , क्रिमसन सनबर्ड और फायर – टेल सनबर्ड जैसे पक्षी शामिल हैं।
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान ( Gangotri National Park )
स्थापना | 1989 |
क्षेत्रफल | 2390 वर्ग किलोमीटर |
स्थान | उत्तरकाशी जनपद, उत्तराखंड |
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तरकाशी जिले में लगभग 2390 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1989 में किया गया था।
इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री ग्लेशियर से लिया गया है इस राष्ट्रीय उद्यान से होकर गंगा नदी बहती है यह राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से ग्लेशियर के लिए प्रसिद्ध है इस राष्ट्रीय उद्यान का सौंदर्य देखने लायक है क्योंकि इस राष्ट्रीय उद्यान के ग्लेशियर के साथ-साथ यहां पर निवास करने वाले वन्यजीव काफी आकर्षक एवं सुंदर हैं जो इस राष्ट्रीय उद्यान की सुंदरता को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं वन्यजीवो में यह राष्ट्रीय उद्यान मुख्य रूप से हिम तेंदुओं के लिए प्रसिद्ध है।
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले वन्यजीव
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान अनेक प्रकार के लुप्तप्राय एवं सुंदर स्तनधारी प्रजातियों के वन्यजीवों एवं पक्षियों का निवास स्थल है गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान को मुख्य रूप से हिंदुओं का घर माना जाता है वर्तमान समय में यह राष्ट्रीय उद्यान 15 स्तनपायी प्रजातियों के वन्यजीवों और लगभग 150 प्रजातियों के पक्षियों का निवास स्थान है इस राष्ट्रीय उद्यान में निवास करने वाले स्तनधारी वन्यजीवो में मुख्य रूप से हिम तेंदुआ, एशियाई काला भालू , भूरा भालू, कस्तूरी मृग, नीली भेड़, हिमालयन तहर, हिमालयी मोनाल, कोकलास, और हिमालयन स्नोकॉक, तीतर और कबूतर शामिल हैं।
FAQ Related to National Park of Uttrakhand in Hindi ( उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित कुछ पूछे जाने वाले प्रश्न )
1. उत्तराखंड में कितने राष्ट्रीय उद्यान है ?
वैसे तो उत्तराखंड राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य लेकिन यदि हम केवल राष्ट्रीय उद्यानों की बात करें तो उत्तराखंड राज्य में कुल 6 राष्ट्रीय उद्यान है ये सभी 6 राष्ट्रीय उद्यान है –
- जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान
- गोविंद राष्ट्रीय उद्यान
- फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान
2. उत्तराखंड राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है ?
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है जिसकी स्थापना वर्ष 1990 में किया गया था अगर इसके कुल क्षेत्रफल की बात करें तो इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल छेत्रफल 2390.02 वर्ग किलोमीटर है।
3. उत्तराखंड के किस राष्ट्रीय उद्यान को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया गया है ?
उत्तराखंड राज्य में स्थित नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया।
4. उत्तराखंड का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान कौन सा है ?
उत्तर :- उत्तराखंड राज्य में स्थित फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है जिसकी स्थापना वर्ष 1982 में की गई थी।
5. उत्तराखंड राज्य में स्थित गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गोविंद राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1982 में की गई थी।
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