आज का हमारा यह आर्टिकल विश्व के समस्त गुरूओं को समर्पित है कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है वास्तव में गुरु का स्थान सबसे ऊपर होता है कहा जाता है कि गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर होता है हमारे प्रथम गुरु हमारे माता-पिता होते है जो हमें जीवन जीने की शिक्षा देते हैं तथा जो हमें शिक्षा तथा आध्यात्मिक ज्ञान देते हैं उन्हें हम द्वितीय गुरू कह सकते हैं ।
Teacher’s Day 2022 प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने की शिक्षा, कामयाब होने की शिक्षा गुरु देता है गुरु किसी भी व्यक्ति के चरित्र का निर्माण करता है
अगर सही शब्दों में हम गुरु शब्द को परिभाषित करें तो गुरु या शिक्षक सिर्फ वही व्यक्ति नहीं है जो हमें स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाता शिक्षा अपना ज्ञान देता है अपितु हर वो व्यक्ति जो हमें जीवनपर्यन्त किसी न किसी रूप में एक बेहतर चरित्र का निर्माण करता है और हमें जीवन जीने की कला सिखाता है वो गुरु है ।
हम सभी के जीवन में गुरु का एक विशेष महत्व है। एक गुरु/शिक्षक अगर चाहे तो वह अपने शिष्य का जीवन बना सकता है और उसे सफल बना सकता है और अगर वह चाहे तो वो अपने छात्र के जीवन को बिगड़ भी सकता है किसी भी क्षेत्र में कामयाब होने के लिए गुरु का होना अति आवश्यक है इस दुनिया में हर कोई कामयाबी की सीढ़ी पर पहुंचना चाहता है लेकिन सिर्फ गुरु ही हमे कामयाबी की उन सीढ़ियों पर चलना सिखाते हैं।
इस आर्टिकल में हम गुरु को समर्पित इसी दिन की चर्चा करने जा रहे हैं तथा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु की क्या महत्व है उसके बारे में भी बताने वाले हैं 5 सितंबर का यह दिन हमारे भारत के उन सभी गुरुओं को समर्पित है जो किसी ना किसी रूप में किसी भी व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाता है और अपने ज्ञान के माध्यम से लोगों की अज्ञानता को दूर करता है हमारे भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
एक व्यक्ति/छात्र के जीवन में गुरू का क्या महत्व है ? इसे हम अपने शब्दों में कभी व्यक्त नहीं कर सकते एक अच्छे गुरु के बारे में हम जितना कहे हमारे शब्द शब्द कम है लेकिन फिर भी हमने अपने शब्दों में यह व्यक्त करने की कोशिश की है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का क्या महत्व है साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के सफलता के पीछे गुरु का क्या योगदान है ।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको शिक्षक दिवस, शिक्षक का महत्व, विकर्षक दिवस क्यों, कब और किसलिए मनाया जाता है आदि के बारे में जानकारी देने वाले हैं । अगर आप शिक्षक दिवस ( Teacher’s Day 2022 ) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें ।

Teacher’s Day 2022
हम सभी यह भली-भांति जानते हैं कि हमारे भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को कई प्रकार के तोहफे देते हैं।
सभी स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन को बड़े ही बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है बहुत से जगह पर शिक्षक दिवस के इस अवसर पर कई प्रकार के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है इस दिन छात्र अपने गुरुओं/शिक्षकों को आभार व्यक्त करते है । प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितंबर को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा जिसमें छात्र अपने शिक्षकों को कई प्रकार के उपहार देंगे और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करेंगे । इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक दिवस सोमवार को है ।
भारतीय शिक्षक दिवस का इतिहास ( 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस )
बहुत से लोगों के मन में शिक्षक दिवस के संबंध में यह सवाल जरूर आया होगा शिक्षक दिवस ( Teacher’s Day ) क्यों मनाया जाता है और यह दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे का इतिहास क्या होगा आप सभी के मन में कभी न कभी ये सभी सवाल जरूर आया होगा इन सभी सवालों का जवाब हमने इस आर्टिकल में दिया है ।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 5 सितंबर का यह दिन शिक्षकों को समर्पित होता है इस दिन स्कूल, कॉलेज और सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के सम्मान के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
डॉ. राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे इनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
डॉ. राधाकृष्णन को बचपन से कई परेशानियों का सामना करना पड़ा उन्होंने अपने बचपन की पढ़ाई तिरूमनी के धार्मिक स्कूलों से की । साल 1896-1900 के बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरूपति से पूरी की इसके बाद 1902 में उन्होंने अपनी माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण की और स्कॉलरशिप से पढ़ाई पूरी की। उन्हें मनोविज्ञान, इतिहास और गणित विषय में विशेष शिक्षा प्राप्त की इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालयों में शिक्षक की नौकरी की।
शिक्षा के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान था उनका मानना था कि संपूर्ण विश्व एक विद्यालय है वे कहते थे कि शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति के विचार और सोच को आसानी से बदला जा सकता हैं उनके महान विचारों और सोच ने कई युवाओं को प्रेरणा दी।
शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है –
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति थे जो एक महान और विद्वान शिक्षक थे जिन्होंने अपने जीवन के अमूल्य 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में देश के भविष्य को उज्जवल बनाने में दिया और शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
उपराष्ट्रपति बनने के पश्चात उनके कुछ छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा व्यक्त की उनके इस जन्मदिन को उनके सभी छात्रों ने शिक्षक दिवस के रुप में मनाया शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा हुई और
हमारे जीवन में शिक्षक का महत्त्व
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक की एक प्रमुख भूमिका होती है चाहे हम जीवन के किसी भी पड़ाव पर हो सभी को शिक्षक की आवश्यकता होती है शिक्षा उस दीपक के दिव्य ज्योति के प्रकाश की तरह है जिसके बिना संपूर्ण संसार अंधकारमय है ।
शिक्षक के बिना हमारा संपूर्ण जीवन अंधकार में है चाहे कोई भी इंसान जीवन के किसी भी पड़ाव पर या कितने भी बड़े पद पर क्यों ना हो सबके जीवन में शिक्षक का एक विशेष महत्त्व और स्थान है।
शिक्षक जो हमें ज्ञान देता है और हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्ग दिखलाता है । हमारे इस महान देश भारत में शिक्षकों को मान-सम्मान, आदर तथा धन्यवाद देने और हमारे जीवन में शिक्षको के महत्व के बारे में बताने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ।
शिक्षक का अर्थ है शिक्षा देने वाला जो हमें शिक्षा देते हैं और हमें सही और गलत का सही अर्थ समझाते है विकर्षक है
व्यक्ति व्यक्ति के जीवन के अंधकार को ज्ञान के प्रकाश से दूर करते हैं। शिक्षक हमारा मार्गदर्शन करके हमारे भविष्य और हमारे अच्छे चरित्र का निर्माण करते है और हमें एक आदर्श नागरिक बनने और जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करते हैं किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का स्थान भगवान के सामान होता है ।
कुछ महान व्यक्तियों ने शिक्षक के महत्व को बताने के लिए उनके संबंध में कुछ महत्वपूर्ण श्लोक और पंक्तियां दी है जो निम्नलिखित है –
श्लोक :- गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः
हिंदी अर्थ : गुरु सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा के सामान हैं, गुरु भगवान विष्णु के सामान है, गुरु महेश्वर यानि भगवान शिव के सामान हैं। गुरु सभी देवों में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को मेरा नमन है।
गुरु के महत्व को बताते हुए महान कवि कबीरदास जी ने कहा है : –
सब धरती कागज करूं,
लिखनी सब बनराय।
सात समुन्दर की मसि करूं,
गुरु गुण लिखा न जाय।
हिंदी अर्थ : संपूर्ण पृथ्वी को कागज बनाकर , दुनिया के सभी जंगल को कलम, सातों समंदर को स्याही बनाकर भी गुरु का गुण नहीं लिखा जा सकता ।
शिक्षक दिवस पर भाषण ( Teacher’s Day Speech in Hindi )
आदरणीय प्रधानाचार्य, सभी शिक्षकगणों, मेरे प्यारे सहपाठियों, दोस्तों और अतिथिगणों आप सभी को मेरा प्रणाम ।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि आज शिक्षक दिवस है और इस दिन को मनाने लिए ही आज हम सब इस प्रांगण में साथ हुए हैं। मेरा नाम _____ है और मेरे अपने सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं।
सबसे पहले आप सभी को शिक्षक दिवस की ढेरों शुभकामनाएं ; जैसा कि आज 5 सितम्बर है और आज के इस दिन को हम प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं यह दिवस हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति माननीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पूर्व राष्ट्रपति यह चुके हैं वे एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ – साथ एक प्रतिष्ठित शिक्षक भी थे उनकी इच्छा थी कि उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए जिसमें सभी शिक्षकों का सम्मान और आदर हो और लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में ज्ञात हो सके ।
शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है इसके बारे में बताना और हर सफ़ल व्यक्ति के पीछे शिक्षकों के योगदान को उजागर करना है । इस दुनिया का कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों ना हो उसकी सफलता के पीछे एक शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका और उसकी कड़ी मेहनत छिपी होती है शिक्षक के ज्ञान के दम पर ही कोई भी व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है ।
देश के सभी शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से हम सभी भारतवासी इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं ।
हर एक छात्र के भविष्य और व्यक्तित्व को उज्ज्वल बनाने और उसके चरित्र का निर्माण कर एक आदर्श नागरिक बनाने में एक शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है । शिक्षक कभी भी अपने छात्रों में भेदभाव नहीं करते, वह बिना किसी भेदभाव के अपने सभी छात्रों को समान शिक्षा प्रदान करते हैं। हर एक शिक्षक की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने ज्ञान के जरिए अपने सढी छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाएं ताकि उनके छात्र जीवन में सफलता प्राप्त करें ।
शिक्षक हमारे ज्ञान का एक असीमित स्त्रोत है, जो बिना किसी स्वार्थभाव के हमें ज्ञान प्रदान करता है और हमें अपने जीवन में एक सही दिशा प्रदान करते हैं । अपने भाषण के अंतिम शब्दों में मैं आप सभी से यहीं कहना चाहूंगा कि शिक्षक उस दीपक की तरह है जो स्वयं जलकर दूसरों के जीवन को प्रकाशित करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षकों के लगन और मेहनत का सम्मान करना चाहिए तथा उनके प्रति हमेशा कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए।
यहां उपस्थित सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई ।
धन्यवाद !
शिक्षक दिवस से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य ( Facts About Teacher’s Day 2022 )
- भारत में प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है परंतु वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है
- यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा 1994 में की गई थी तब से प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
- शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के बारे जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन की शुरुआत की गई थी।
- दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
FAQ Related to Teacher’s Day 2022 in hindi
भारत में शिक्षक दिवस पहली बार कब मनाया गया ?
भारत में शिक्षक दिवस पहली बार वर्ष 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर 5 सितंबर 1962 को मनाया गया ।
भारत में शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है ?
भारत में शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है यह दिवस भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पूरे देश में मनाया जाता है यह दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है क्योंकि बस 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके मित्रों एवं उनके कुछ छात्रों ने उनके जन्मदिन को अच्छी तरह से सेलिब्रेट करना चाहा तब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने छात्रों से उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई और तभी से 5 सितंबर को उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।
भारत में शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है ?
भारत में शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है यह दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है ।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है ?
वैश्विक स्तर पर विश्व शिक्षक दिवस जिसे हम अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में भी जानते हैं प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है ।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
संपूर्ण विश्व में शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने एवं भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षक के महत्व के बारे में बताने तथा शिक्षक के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए यूनेस्को ने वर्ष 1994 में 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की तभी से प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।
शिक्षा के जरिए नई पीढ़ी को ज्ञान देने वाले शिक्षकों का सम्मान देने के उद्देश्य यूनेस्को ने इस दिन की शुरुआत की ।
विश्व के प्रमुख देश एवं उनके शिक्षक दिवस ( World Teacher’s Day )
देश | शिक्षक दिवस |
भारत | 5 सितंबर |
पाकिस्तान | 5 अक्टूबर |
चीन | 10 सितंबर |
बांग्लादेश | |
रूस | 5 अक्टूबर |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 6 मई |
ऑस्ट्रेलिया | अक्टूबर माह के अंतिम शुक्रवार |
ब्राजील | 15 अक्टूबर |
वियतनाम | 20 नवम्बर |
थाईलैंड | 16 जनवरी |
अर्जेंटीना | 11 सितंबर |
चिली | 16 अक्टूबर |
अल्बानिया | 7 मार्च |
इक्वाडोर | 13 अप्रैल |
हॉन्ग कोंग | 12 सितंबर |
हंगरी | जून के पहले शनिवार को |
इंडोनेशिया | 25 नवंबर |
मेक्सिको | 15 मई |
पेरू | 6 जुलाई |
सिंगापुर | 1 सितंबर |
ताइवान | 28 सितंबर |
थाईलैंड | 16 जनवरी |
तुर्की | 24 नवम्बर |
दक्षिण कोरिया | 15 मई |
पोलैंड | 14 अक्टूबर |
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