Chandrayaan-3: पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक हुआ लॉन्च, 5 अगस्त को उतरेगा चांद की सतह पर
चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है इसे आज यानि 14 जुलाई 2023, शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 02:35 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया चंद्रयान – 3 को LVM-3 M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया इसरो के द्वारा विकसित इस चंद्र मिशन से इसरो के साथ ही पूरे देश को काफी उम्मीदें हैं अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि भारत का यह चंद्र मिशन सफल होगा या ये भी चंद्रयान 2 की तरह असफल होगा ।
लेकिन अगर चंद्रयान 3 मिशन सफल हुआ तो पूरी दुनिया भारत को एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले देश के रूप में देखेगा ।
चंद्रयान 3 के सफल लॉन्च पर पीएम मोदी ने दी बधाई
फ़्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 के लॉन्च की बधाई देते हुए ट्वीट किया है उन्होंने कहा कि “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक शानदार चैप्टर की शुरुआत की है.”
पीएम मोदी ने कहा, “चंद्रयान 3 भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है और यह उपलब्धि हमारे देश के वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूँ ।
इसरो के अध्यक्ष श्री सोमनाथ जी ने बताया कि लॉन्च के बाद से चंद्रयान-3 की गतिविधि पूरी तरह से सामान्य है और हम सभी अब इसे चांद की सतह पर देखने की प्रतीक्षा में हैं ।
आपको बति दें कि यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन है और अगर हम बात करे चंद्रयान-3 की तो इसमें एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रॉपल्सन मॉड्यूल लगा हुआ है और इसका कुल भार 3,900 किलोग्राम है ।
भारत का तीसरा चंद्र मिशन
चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन है जिसे पूर्ण रूप से भारत के द्वारा विकसित किया गया है इसमे एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार chandrayaan-3 मिशन के लिए स्वदेशी रूप से विकसित किये गये इस लैंडर में चंद्र स्थल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता है जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह का रासायनिक विश्लेषण करेगा इसरो को अपने इस मिशन से पूरी उम्मीद है और यह मिशन सफल रहा तो यह भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी ।
चंद्रयान 3 के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण सवाल
चंद्रयान 3 चांद पर कब उतरेगा?
इसरो के निदेशक एस सोमनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चंद्रयान-3 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे अपने मिशन के लिए उड़ान भरेगा और अगर इस मिशन में सबकुछ सही रहा तो करीब 40 दिन की यात्रा के बाद यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा और यह 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा ।
चंद्रयान 3 को किसने डिजाइन किया था?
chandrayaan-3 को मूल रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा डिजाइन किया गया है यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा चंद्र मिशन है chandrayaan-2 की असफलता के बाद इस मिशन को और भी एडवांस तकनीक के साथ डिजाइन किया गया है इसरो के द्वारा विकसित चंद्रयान-3 में एक लैंडर, प्रोपल्शन मॉड्यूल और रोवर शामिल है ।
चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 में क्या अंतर है?
चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 दोनों भारत का एक छंद्र मिशन है इसलिए इन दोनों का मिशन एक ही है और वह है चंद्रमा की भौगोलिक स्थिति और आकार का पता लगाना लेकिन दोनों को विकसित करने के तकनीक में काफी अंतर है इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ में chandrayaan-3 के बारे में बताते हुए कहा कि चंद्रयान-2 को सफलता-आधारित डिजाइन के रूप में विकसित किया गया था लेकिन भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 को विफलता-आधारित डिजाइन के तौर पर विकसित किया है चंद्रयान 3 में इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है कि मिशन में क्या विफल हो सकता है और जो भी इस मिशन के असफलता का कारण बन सकता है इसकी सुरक्षा कैसे की जाए तथा चंद्रयान 3 के सफलतापूर्वक लैंडिंग को कैसे सुनिश्चित किया जाए ।
चंद्रयान 3 का क्या उद्देश्य है?
चंद्रयान 3 मिशन का लक्ष्य इसके पूर्ववर्ती मिशन चंद्रयान 2 के लक्ष्य को हासिल करना तथा इसे चंद्रमा की सतह पर धीरे से उतरना और साथ ही चंद्रयान 2 के क्षतिग्रस्त रोवर का पता लगाना चंद्रयान 3 भारत के लिए एक गौरवपूर्ण मिशन है और इसके सफल लैंडिंग के बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जो चांद के दक्षिणी छोर का पता लगाएगा ।
चंद्रयान 3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरना, चांद की सतह और संरचना के बारे में डाटा एकत्र करना है ताकि वैज्ञानिक प्रयोगों की एक श्रृंखला आयोजित की जा सके ।
चंद्रयान 3 में क्या खास है?
चंद्रयान 2 के मुकाबले चंद्रयान 3 में बहुत कुछ खास है क्योंकि इस मिशन में chandrayaan-2 की गलतियों और कमियों को ध्यान में रखते हुए chandrayaan-3 को तैयार किया गया है और अगर चंद्रयान-3 सफल होता है तो यह चंद्रमा की दक्षिणी छोर पर दुनिया की पहली सफल लैंडिंग होगी।
चंद्रयान 3 की कीमत कितनी है?
चंद्रयान 3 भारत का अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष मिशन है और अगर बात करें इस मिशन के लागत की तो चंद्रयान 3 को 615 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है जो अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है जबकि चंद्रयान-2 की लागत की बात करें तो इस मिशन मे कुल 978 करोड़ रुपए खर्च हुए थे ।
Sir aapka contant mast hai
Thanks bro
Thank you bro